पढ़िए RESUME क्या होता है.

आईये जानते है रिज्यूमे क्या होता है -आप कही भी जॉब करने के लिए जाओगे तो वहां पर आपको सबसे पहले काम आने वाली चीज़ होती है रिज्यूमे. रिज्यूमे के बिना आपको कोई भी जॉब नहीं देगा.आपको जॉब पाने के लिए रिज्यूमे बनाना ही पड़ेगा. क्यू की रिज्यूमे आपके शैक्षिक और पेशेवर जीवन की सारांशिक जानकारी का एक दस्तावेज़ होता है जो उनकी क्षमताओं, काम के इतिहास, और अन्य महत्वपूर्ण विवरणों को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत करता है. यह आपको नौकरी पाने में मदद करता है और आपकी पहचान को मजबूत करता है. इस ब्लॉग में, हम रिज्यूमे के महत्व और तैयारी के बारे में चर्चा करेंगे. इस ब्लॉग को पढ़कर आप अपने रिज्यूमे को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण information प्राप्त कर सकते हैं.

RESUME का उद्देश्य क्या होता है ?{रिज्यूमे जॉब पाने में कैसे हेल्प करता है.}


रिज्यूमे का उद्देश्य आप के क्षमताओं, योग्यताओं, और काम के EXPERIENCE को detail में प्रस्तुत करना होता है ताकि नौकरी के लिए चयनकर्ताओं को एक संदेश मिले कि वह निश्चित रूप से आप उस नौकरी के लायक हैं.

रिज्यूमे आपके प्रोफेशनल पहचान का माध्यम होता है और उनकी विशेष योग्यताओं को प्रकट करता है. इसके माध्यम से आप अपने शैक्षिक और पेशेवर अनुभव को प्रमुख रूप से प्रस्तुत करके अपनी पसंदीदा जॉब पा सकते है.

RESUME के प्रकार {TYPES OF RESUME}

  • Chronological Resume (कालांकरिक रिज्यूमे)
  • Functional Resume (कार्यात्मक रिज्यूमे)
  • Combination Resume (मिश्रण रिज्यूमे)
  • Targeted Resume (लक्षित रिज्यूमे)

Chronological Resume (कालांकरिक रिज्यूमे)

  • यह रिज्यूमे काम के अनुभवों को उलटी क्रमबद्धता में सूचीबद्ध करता है.
  • इसमें करियर की प्रगति और स्थिर रोजगार इतिहास{experience} को हाइलाइट किया जाता है.
  • यह विशेष क्षेत्र में मजबूत काम के इतिहास{experience} वाले उम्मीदवारों के लिए सबसे उपयुक्त है. नियोक्ता आसानी से उम्मीदवार की करियर की वृद्धि और स्थिरता का पता लगा सकते हैं.
  • नियोक्ता आसानी से उम्मीदवार की करियर की वृद्धि और स्थिरता का पता लगा सकते हैं.

Functional Resume (कार्यात्मक रिज्यूमे):

  • इस रिज्यूमे में कार्य योग्यताओं, दक्षताओं, और उपलब्धियों को प्राथमिकता दी जाती है.
  • यह कैरियर बदलने वालों या रोजगार अंतरालों वाले उम्मीदवारों के लिए उपयुक्त है.
  • उम्मीदवार की अनुभव और कौशल को प्रमुख बनाता है और उनकी योग्यताओं को सार्वजनिक करता है.

Combination Resume (मिश्रण रिज्यूमे):

  • यह रिज्यूमे chronological और functional रिज्यूमों के तत्वों को मिश्रित करता है.
  • उम्मीदवार के काम का इतिहास और कौशलों को प्रभावी ढंग से दर्शाता है.
  • इससे उम्मीदवार की कामगारी और उनकी योग्यताओं का परिचय दोनों मिलता है.

Targeted Resume (लक्षित रिज्यूमे):

  • यह रिज्यूमे विशिष्ट नौकरी पद के लिए तैयार किया जाता है.
  • लक्षित रिज्यूमे में उम्मीदवार के संबंधित कौशल {skill} और अनुभवों {experience} पर ध्यान दिया जाता है.
  • इससे उम्मीदवार की प्रतिभा और परियोजनाओं का संबंधित नौकरी पद के अनुसार प्रदर्शन होता है.

Infographic Resume (इन्फोग्राफिक रिज्यूमे):

  • यह रिज्यूमे ग्राफिक्स और डिज़ाइन तत्वों का उपयोग करके जानकारी को दृश्यगत रूप में प्रस्तुत करता है.
  • एक रोचक और आकर्षक प्रारूप प्रदान करता है जो उम्मीदवार को सब लोगो से अलग बनाता है.
  • यह विभिन्न डिज़ाइन और शैलियों में उपलब्ध होता है, जो उम्मीदवार के प्रोफ़ाइल को स्वच्छता से बढ़ाता है.

RESUME और CV में क्या अंतर होता है ?

RESUME :रिज्यूमे में सब बातें आसान भाषा और जल्दी समझ में आये इस तरह से लिखा जाता है.

CV : का मतलब curriculum vitae होता है, और इसमें पुरे करियर का डिटेल लिखा जाता है.

proffesionalism : {प्रोफेशनलिस्म} में दोनों दस्तावेज एक जैसे ही काम करते है’

length :रिज्यूमे की लंबाई आमतौर पर एक या फिर ज्यादा से ज्यादा दो पेज की होती है.CV आमतौर पर रिज़्यूमे से लंबा होता है और अधिक विस्तृत होता है।

RESUME और बायोडाटा में क्या अंतर होता है ?

“रिज्यूम” और “बायोडाटा” दोनों ही दस्तावेज़ होते हैं जो व्यक्ति के व्यक्तिगत और पेशेवर {proffessional} जानकारी को प्रस्तुत करते हैं, लेकिन उनमें कुछ मुख्य अंतर होते हैं। यहाँ वे अंतर कुछ मुख्य बिंदुओं में बताए गए हैं:

रिज्यूम:

  1. रिज्यूम एक लंबा दस्तावेज़ होता है, जो व्यक्ति के शिक्षा, काम का अनुभव, कौशल, प्रोजेक्ट्स, और अन्य पेशेवर {proffessional} विवरणों को detail में प्रस्तुत करता है.
  2. इसका उपयोग अधिकतर नौकरी प्राप्ति की प्रक्रिया में किया जाता है, जहां यह आवेदक की पेशेवर योग्यता को प्रदर्शित करने के लिए होता है.

बायोडाटा :

  1. बायोडाटा एक संक्षिप्त और सारांशिक दस्तावेज़ होता है, जो व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, पता, जन्म तिथि, शिक्षा, और परिवारिक जानकारी को प्रस्तुत करता है.
  2. यह अधिकतर संबंधित प्रक्रियाओं में जैसे विवाह, विद्यालय एवं कालेज आवेदन आदि के लिए होता है.


Resume format in hindi.

  • Personal Information : यह सेक्शन व्यक्ति के नाम, पता, संपर्क जानकारी, जन्मतिथि, लिंग, आदि के बारे में जानकारी प्रदान करता है.
  • Educational Qualifications : शैक्षिक योग्यता: इसमें व्यक्ति की शिक्षा से संबंधित जानकारी जैसे की उनकी पढ़ाई की योग्यता, स्कूल/कॉलेज का नाम, अवधि, और प्राप्तांकों का विवरण शामिल होता है.
  • Work Experience : कार्य अनुभव: आपका कार्य अनुभव रिज्यूमे में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण रोल प्ले क्रता है, इसमे अपने अनुभव को लिखे. या इसमे आपने किसी कंपनी में काम किया, कितना किया या किस पोजीशन पीआर किया ये जरूर लिखे. इस आपके कार्य अनुभव में जनने में आसान होगी.
  • Skills and Abilities : कौशल और योग्यताएँ: इसमें व्यक्ति के कौशल और योग्यताएं शामिल होती हैं, जैसे की कंप्यूटर कौशल, भाषाई कौशल, या अन्य प्रतिष्ठित योग्यताएँ.
  • Certifications and Training : यहाँ व्यक्ति की प्राप्त प्रमाणपत्र और प्रशिक्षण की जानकारी शामिल होती है.
  • Achievements and Awards : ये सेक्शन में आपको आपकी उपलब्धियां लिखनी पढ़ती है, जैसे कि आपको इसके पहले कार्यों के लिए कोन्से पुरस्कार मीले है, इसके आपके व्यक्तित्व का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है

RESUME मैं क्या ना लिखें.

वैसे तो हमें रेज़्युमे में क्या लिखना चाहिए इस बात पर चर्चा होती है, लेकिन रेज़्यूमे में क्या ना लिखे ये कोई नहीं बताता तो आज हम इस पर प्रकाश डालते हैं.

  1. असज्जितता: किसी भी तरह की गुंडई या अव्यवस्था नहीं होनी चाहिए.
  2. गलत जानकारी: अपने रिज़्यूम में गलत जानकारी देने से बचें.
  3. असंगत योग्यता: उन कौशलों या योग्यताओं को न लिखें जो नौकरी के लिए संबंधित नहीं होते हैं.
  4. अनावश्यक व्यक्तिगत जानकारी: रिज़्यूम में अनावश्यक व्यक्तिगत जानकारी जैसे कि धार्मिक या राजनीतिक धाराओं का उल्लेख न करें.
  5. असंबंधित अनुभव: अगर कोई अनुभव नौकरी के लिए संबंधित नहीं है, तो उसे रिज़्यूम में शामिल न करें.
  6. असंबंधित इंटरेस्ट्स: अपने रिज़्यूम में केवल उन इंटरेस्ट्स को शामिल करें जो नौकरी के साथ संबंधित हों.

RESUME मैं शब्दो का उपयोग कैसे करें।


रिज़्यूम बनाते समय शब्दों के सही प्रयोग से आप अपनी पेशेवरिता को बेहतर ढंग से प्रकट कर सकते हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण शब्दों के प्रयोग के बारे में कुछ जानकारी दी गई है:

  1. क्रियाविशेषण (Action Verbs): क्रियाविशेषण आपके काम के अनुभव को संवारने में मदद कर सकते हैं. कुछ उदाहरण हैं: managed (प्रबंधित), developed (विकसित), coordinated (संगठित), implemented (लागू किया).
  2. शब्दों की संख्या (Quantifying Words): आप अपने उपलब्धियों को साबित करने के लिए शब्दों को संख्यात्मक रूप से प्रयोग कर सकते हैं. कुछ उदाहरण हैं: increased (बढ़ाया), decreased (कम किया), achieved (प्राप्त किया), surpassed (पार किया).
  3. विशेष कौशल (Specialized Skills): यदि आपके पास किसी विशेष कौशल या विशेषज्ञता है, तो उन्हें विवरण में शामिल करें. कुछ उदाहरण हैं: programming languages (प्रोग्रामिंग भाषाएँ), technical skills (तकनीकी कौशल), project management (परियोजना प्रबंधन).
  4. नामकरण (Naming): अपने कौशल और योग्यताओं को अच्छी तरह से नामकरण करें. उदाहरण के लिए, अगर आप अच्छे टीम नेतृत्व कौशल रखते हैं, तो इसे “Leadership Skills” कहा जा सकता है.
  5. संवेदनशीलता (Sensitivity): अपने शब्दों को चुनने में संवेदनशील होने का प्रयास करें, ताकि आप अपनी पेशेवरिता को व्यापक रूप से प्रकट कर सकें.

आपने क्या सीखा ?

हमने आपको इस आर्टिकल में बताया है कि रिज्यूमे क्या होता है. इसको बनाने का उदेश क्या होता है.रिज्यूमे,सीवी और बायोडाटा में क्या अंतर होता है.और रिज्यूमे में कोंसी गलती नहीं करनी चाहिए इस पर भी चर्चा की गई है.

FAQ :


रिज्यूम क्यों बनाया जाता है?

Resume नौकारी प्राप्त करने के लिए बनाया जाता है।


रिज्यूम्ड का मतलब क्या होता है?

SUMMARY मतलब सारांश.

क्या हम मोबाइल में रिज्यूमे बना सकते हैं?

हा.

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